Thursday, February 6, 2014

भाई और बहन का प्यार

मैं आप सबको बताती हूँ कि मैं आगरा अपनी मुमानी के घर गई थी करीब 5 साल बाद। अपनी अम्मी और भाई के साथ वहाँ मुझे बहुत अच्छा लगा, इतने साल बाद जाने के बाद वहाँ सभी लोग बहुत प्यार से मिल रहे थे। हम लोगों ने खूब मौज मस्ती की पर हफ़्ते भर बाद ही मुझमें चुदाने के कीड़े रेंगने लगे क्योंकि यहाँ तो लगभग रोज़ ही चूत में लंड खाती थी शायद ही कोई दिन ऐसा जाता हो जब मैं न चुदवाऊँ पर यहाँ तो चुदाई क्या साला किसी से चूची मसलवाने को तरस गई। हालांकि मेरी मुमानी की दो लड़कियाँ मेरी हमउम्र थी पर वो बहुत सीधी साधी थी। कम से कम उनके बर्ताव से तो यही ज़ाहिर होता था कि बच्चियाँ अभी बहुत नादान हैं, बेचारी अपनी जवानी के बारे में भी शायद नहीं जानती थी जबकि वो दोनों बला की खूबसूरत हैं, जिस्म का रंग दूध जैसा गोरा, भरी भरी जांघें, लाल-लाल गाल और चूचियाँ तो कयामत थी ! कसम से उनकी चूची बला की खूबसूरत थी ! उनमें छोटी वाली अभी स्कर्ट टॉप ही पहना करती थी।



मैं अकसर सोचती कि साली इतनी खूबसूरत हैं दोनों, फ़िर भी इतनी सीधी साधी हैं।

एक दिन की बात है मैं छत पर नहा कर बाल सुखा रही थी कि तभी कोई मेरे पीछे से मेरी गांड में लौड़ा अड़ा कर मेरी चूचियों को दबाने लगा। मेरी तो बांछें खिल गई, सोचा किसे तरस आया मेरी जवानी पे !

जब घूम कर देखा तो भाई जान थे।

मैंने कहा- हटिये भी भाई ! भला यह भी कोई जगह है प्यार करने की? कोई देख लेगा तो शामत आ जायेगी।

तब भाई ने उसी अवस्था में खड़े खड़े मेरी चूचियाँ दबाते हुए कहा- हाँ यार, यह तो है ! साला यहाँ बाकी सब तो ठीक है पर लंड को बहुत तरसना पड़ता है। साला यहाँ घर ऐसा महल तो है नहीं कि जब जी चाहा बिस्तर पर पटक कर चोद लिया ! यार तुम न हुई तो अम्मी की पुरानी भोसड़ी में ही लंड डाल लिया, नहीं तो तुम्हें ही चोद लिया पर साला यहाँ तो बड़ी दिक्कत है, अब हफ़्ता भर हो गया, साला लंड को कोई चूत नसीब नहीं हुई।

उनके चूची दबाने से मैं अब तक गरम हो चुकी थी, तब मैंने कहा- भाई, अब आप मेरी चूची न दबायें क्योंकि इस तरह तो आग और भड़क रही है, जब चोद नहीं पायेंगे तब गुसल खाने में जाकर मुझे भी उंगली करनी पड़ेगी और आपको भी मुठ मारना पड़ेगा।

तब भाई ने कहा- यार, अब इतने दिन बाद मौका मिला है तो बिना चोदे तो नहीं छोड़ुंगा, चाहे जो हो जाए !

और यह कह कर मेरा तौलिया खोलने लगे मगर मैंने कहा- हाय भाई, ऐसा न कीजिये, कहीं यहाँ किसी ने देख लिया तो बड़ी बदनामी हो जायेगी ! चुदवाने का मन तो मेरा भी है पर क्या करें, मज़बूरी है !

तब भाई ने कहा- अच्छा तुम नहीं मान रही तो मेरा लंड बस मुंह से चूस कर ही हल्का कर दो, मैं सब्र कर लूंगा।

मैंने कहा- भाई, आप मान नहीं रहे, कहीं कोई उलटी सीधी बात हो गई तो क्या होगा?

मगर भाई न माने और मुझे एक तरफ़ दीवार की आड़ में ले गये और अपनी पैंट की जिप खोल कर मुझे घुटनो के बल फ़र्श पर बैठा दिया और मेरे हाथ में लंड पकड़ा कर बोले- प्यारी बहना चूस कर खलास कर दो लंड को !तब मैंने कहा- भाई, अभी तो खड़ा भी नहीं हुआ, बहुत मेहनत करनी पड़ेगी और वक्त भी लगेगा। आप मान नहीं रहे।

तब वो मेरी चूची को तौलिये के ऊपर से दबाते हुए बोले- साली नाटक न कर बहन की लौड़ी ! एक तो चोदने को नहीं मिल रहा, ऊपर से तू बातें चोद रही है ! चल जल्दी से चूस कर खड़ा कर लंड को !

तब मुझे भी गुस्सा आ गया, मैंने कहा- बड़ी बहादुरी दिखा रहे हो? लो अब मैं भी बहादुरी दिखाती हूँ।

ये कह कर मैने अपनी टोवल उतार कर फ़ेंक दी और झट से भाई का लंड मुंह में भर लिया और चूसने लगी भाई ने जब देखा कि मैने टोवल उतार कर फ़ेंक दी तो उसकी भी गांड फ़टी आरज़ू तुमने ये क्या किया कहीं किसी ने देख लिया तो क्या होगा? तब मैने कहा अभी मैं कह रही थी तो मेरी गांड में घुस गये अब काहे गांड फ़टी जा रही चोदो जो होगा देखा जायेगा ज्यादा से ज्यादा मुमानी की लड़कियां या मुमानी ही तो आयेंगी उपर सम्भाल लूंगी मैं उनको तब भाई ने कहा अगर मामु जान आ गये तो क्या होगा? तब मैने कहा यार लड़कियों और अम्मा को तुम सम्भालना और अगर मामु जान आये तो वो मेरी चूत और नंगी चूचियां देख कर ही धरसायी हो जायेंगे

उसके बाद मैने भाई से कहा भाई आप जल्दी से मेरी चूत को चाट कर गरम कर दो और आपका लंड मैं चूस कर तैयार करती हूं तब भाई जल्दी से मेरी चूत की तरफ़ मुंह करके लेट गये और अपने लंड को मेरे मुंह के पास ले आये और तब मैं जल्दी से उनका लंड मुंह में भर लिया और चूसने लगी भाई भी चटाक चटाक मेरी बुर को चटखारे के साथ चूस रहे थे भाई का लंड जल्दी ही खड़ा हो कर तन गया मगर मैं अभी पूरी तरह से गरम नहीं हुइ थी तब भाई ने कहा आरज़ू तुम जल्दी से चौपाया बन जाओ मैं पीछे से डालता हूं आज तुम्हारी चूत में तब मैने कहा भाई अभी मैं पूरी तरह गरम नहीं हूं आप ऐसा कीजिये कि अपनी टांगे फ़ैला लीजिये मैं आज झूला आसन से चुदाउंगी तभी भाई अपनी टांगे सीधी फ़ैला कर बैठ गये और मैं अपनी चूत फ़ैला कर उनकी टांगों के बीच खड़ी हो गयी और पहले भाई से कहा भाई एक किस मेरी बुर पर कीजिये फ़िर सम्भाल कर बैठ जाइये मैं अचानक अपनी चूत आपके लंड पर गिराउंगी तब भाई ने मेरी चूत पर किस तो करा मगर फ़िर बोले रानी अगर सेंटर आउट हो गया तो मेरी भी गांड फ़टेगी और तुम्हारी भी इसलिये भलाई इसी में है कि चुपचाप मेरे लौड़े पर अपनी चूत रख कर बैठ जाओ मगर मुझे तो ज़िद चढ़ गयी मैने कहा जैसा कहती हूं करो तब भाई सम्भल कर बैठ गये और मैने धड़ से उनके लंड पर बैठने को हुई कि उनका लंड पीछे चला गया और मेरी गांड के नीचे दब गया भाई के मुंह से एक दर्द भरी चीख निकल गयी आआआआआआअह मार डाला कुतिया सालीईईई मैं पहले ही कह रहा था तु नहीं कर पायेगी मगर तु तो आज मेरी गांड फ़ाड़ने पर अमादा है हट जा ज़रा सहलाने दे लंड को बहुत ज़ोर से दबा है एक तो तेरे चूतड़ इतने भारी है और उपर से ९ मन का बोझ तब मुझे भाई की हालत देख कर हंसी आ गयी और मैने कहा एक बार निशाना चूक गया तो गांड फ़ट गयी अरे मेरी चूत की तुम और अब्बु मिलकर कितनी बार कुटायी कर चुके हो तब भाई थोड़ा नोर्मल हो गये और मैं फ़िर से खड़ी हो गयी मुझे खड़ा होते देख कर भाई की गांड फ़ट गयी बोले क्या इरादा है अब तेरा?




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