Thursday, March 13, 2014

लवली मामी

मेरी उम्र २५ है आज मैं आपको एक असली कहानी बताने जा रहा हूं दोस्तो मेरी मामी एक सेक्सी औरत है जो एक सेक्सी शरीर रखती है दोस्तो मैं अपनी मामी को ३ साल से बहुत प्यार करता था और उनको चोदना चाहता था पर मेरी हिम्मत उनको कहने की नहीं होती थी मै मामी को धीरे धीरे पटाने लगा मैं जब भी अपने मामी के घर जाता तो पटाने की कोशिश करता था जब एक बार रात को मैं अपनी मामी के पास सो रहा था तो मैंने अपनी मामी की चूचियों पर हाथ रख दिया लकिन मेरी मामी ने कोई आपत्ति नहीं की। मुझे थोड़ा सा यकीन हो गया कि मामी मुझे से प्यार करती है अगले दिन मैने अपनी मामी को

दूसरे दिन मासी कि चुदाई

दूसरे दिन जैसे कि पहली रात में हम दोनो (मैं और मेरी दूर के रिश्ते की मौसी) एक साथ लेटे थे उसी तरह से दूसरे दिन भी भीड़ होने के कारण हम दोनो कमरे के एक कोने में लेट गये चूंकि मौसी तो पहले दिन से ही तैयार थी इसलिये उस दिन उन्होंने मैक्सी पहनी हुई थी। हम दोनो अब एक ही रजाई में लेटे हुए थे मुझे कंट्रोल नहीं हो रहा था मैने झट से उनकी मैक्सी पर से जांघों पर हाथ रख दिया। उन्होंने कहा थोड़ा सब्र करो आज पूरी रात मैं तुम्हारी ही हूं।

मोसी के साथ मस्ती

अपनी आपबीती कहानी पर आता हुं मेरी उमर २८ साल है और मेरी एक मौसी ३३ साल की थीं। मैं अपनी मामी के घर उनके बच्चे के बर्थडे में गया था। रात में सभी पार्टी इंजोय कर एक कमरे में बैठ कर बाते कर रहे थे मुझे कुछ कुछ नींद आ रहे थी। लॅडीज़ बहुत ही गरम गरम बातें करते हुए बहुत ज़ोर ज़ोर से हंस रहीं थीं। थोड़ी देर तक तो मैने सहन किया उसके बाद मैने कहा कि आप लोग दूसरे कमरे मैं चले जायें तो उन्होंने कहा कि तुम ऊपर वाले कमरे में जाकर सो जाओ और साथ मैं मौसी से भी कहा कि तुम भी जाकर सो जाओ। हम दोनो ऊपर वाले कमरे में गये तो देखा कि वहां पर कई बच्चे और कज़िन सो रहे थे। हम दोनो एक किनारे लेट गये और सोने की कोशिश करने लगे पर मुझे अब नींद नही आ रही थी मौसी के बड़े बड़े बूब्स को ही देख रहा था थोड़ी देर बाद उन्होंने उठकर लाइट ऑफ कर दी।

दोस्त के साथ भाभी को सुलाया

मेरा एक बचपन का दोस्त है। हम दोनों एक साथ बड़े हुए और उसकी शादी हो गई। शादी के कुछ दिनों बाद वो हमेशा अपनी बीवी की चुदाई कैसे करता है, बताता रहता था। जिसे सुनकर मेरा मन भी चुदाई करने को करता था और मैं सोचता था कि वो कैसे भाभी को चोदता होगा और भाभी कैसे चुदवाती होगी। एक दिन मैंने उसे कहा- यार ! मेर मन चुदाई के लिए करता है और मेरे पास कोई जुगाड़ भी नहीं है। उसने कुछ नहीं कहा, लेकिन अगले दिन उसने मुझे कहा कि मैं उसकी बीवी को चोदना चाहूं तो चोद सकता हूं, उसे कोई परेशानी नहीं। मैंने कहा कि भाभी क्या चुदाई के लिए मान गई

सूचि कि भाभी

उस दिन बारिश में सूची और अंजली को चोदने के बाद मैं घर चला गया और अगले दिन सूची का फोन आया। उसने कहा कि मुझे आप के साथ बहुत मज़ा आया और मेरी भाभी आप से चुदवाना चाहती है। तो क्या आप मेरी भाभी को चोद देंगे तो वो आप को २०००/- रुपये देगी। मैने झट से हां कर दी और उसके बताये हुए पते पर २ बजे दोपहर पहुंच गया। वो भी एक आलीशान कोठी थी मैने जैसे ही डोरबेल बजाई पहले सूची ने दरवाजा खोला और मुझे अंदर बुलाकर सोफ़े पर बिठाया और उसने उसकी भाभी को पानी के लिये आवाज़ लगायी। तो उसकी भाभी जैसे ही पानी लेके आयी मैं तो उसे देखते ही खड़ा हो गया। क्या मस्त जवान, गोरी, सुन्दर और बड़े बूब्स वाली औरत थी।

Thursday, February 6, 2014

भाई और बहन का प्यार

मैं आप सबको बताती हूँ कि मैं आगरा अपनी मुमानी के घर गई थी करीब 5 साल बाद। अपनी अम्मी और भाई के साथ वहाँ मुझे बहुत अच्छा लगा, इतने साल बाद जाने के बाद वहाँ सभी लोग बहुत प्यार से मिल रहे थे। हम लोगों ने खूब मौज मस्ती की पर हफ़्ते भर बाद ही मुझमें चुदाने के कीड़े रेंगने लगे क्योंकि यहाँ तो लगभग रोज़ ही चूत में लंड खाती थी शायद ही कोई दिन ऐसा जाता हो जब मैं न चुदवाऊँ पर यहाँ तो चुदाई क्या साला किसी से चूची मसलवाने को तरस गई। हालांकि मेरी मुमानी की दो लड़कियाँ मेरी हमउम्र थी पर वो बहुत सीधी साधी थी। कम से कम उनके बर्ताव से तो यही ज़ाहिर होता था कि बच्चियाँ अभी बहुत नादान हैं, बेचारी अपनी जवानी के बारे में भी शायद नहीं जानती थी जबकि वो दोनों बला की खूबसूरत हैं, जिस्म का रंग दूध जैसा गोरा, भरी भरी जांघें, लाल-लाल गाल और चूचियाँ तो कयामत थी ! कसम से उनकी चूची बला की खूबसूरत थी ! उनमें छोटी वाली अभी स्कर्ट टॉप ही पहना करती थी।

भाभी के नाम एक रात

मेरे भैया की शादी २ साल पहले ही हुई है। भाभी बहुत ही सेक्सी ,गोरी, स्लिम है। उनका फ़ीगर वेल मेन्टेन है। भैया एक एम् एन सी में बोम्बे में सी ऐ हैं। वो कभी कभी आते है। भाभी को देख २ कर मैं तो जैसे पागल हुआ जा रहा था। किसी न किसी तरह भाभी को छूने की कोशिश करता रहता था। वो जब मेरे कमरे में झाडू लगाने आती तो जैसे ही झुकती तो मेरा ध्यान सीधे उनके ब्लाउज़ के अंदर चला जाता। क्या गजब बूब्स हैं उनके जी करता कि पकड़ कर मसल दूं। पर मैं तो सिर्फ़ उन्हे देख ही सकता था। भाभी और मुझ में बहुत ही अच्छी जमती थी। हम हंसी मजाक भी कर लेते थे। पर कभी भी घर में अकेले नहीं होते थे कोई न कोई रहता था। मैं सोचता था कि काश एक दिन मैं और भाभी अकेले रहे तो शायद कुछ बात बने।